गुरुवार, दिसंबर 17, 2015

बलिदान नवम गुरु का...[गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान दिवस पर]

जब जब धर्म की
होती है हानी
आते हैं ईश्वर
जन्म मानव का लेकर
करते हैं अधर्म का नाश...
धर्म की पुनः स्थापना के लिये
नवम गुरु  थे धरा पर
 औरंगजेब का दुसाहस देखो
 जो चाहता था मिटाना
सनातन धर्म को ही...
 "करवा रहा है औरंगजेब
जबरन हमारा   धर्म परिवर्तन
हम अपवित्र हो जाएंगे
नहीं कोई अब  हमारा रक्षक
गुरु जी  आप ही  रक्षा करो"...
"ये कहो उससे
हम पथ पे चलेंगे केवल गुरु  के"
एक स्वर में कहा सबने
कर लेंगे  हम इस्लाम कबूल
अगर हमारे गुरु जी   करेंगे"...
औरंगजेब  ने गुरु जी  से कहा
"इस्लाम कबूल करो,
अगर ईश्वर  हो
 कोई करामात  दिखाओ,
वर्ना काट दूंगा शीश  तुम्हारा"...
श्रेष्ठ   धर्म है
क्यों परिवर्तन करूं
तुम इस योग्य नहीं
तुम्हें चमत्कार   दिखाऊं
 जो इच्छा हो तुम वोही करो"...
शीश गंज'  साक्षी है
गुरु जी की    शहादत का
उनके अनुपम  बलिदान ने
देश धर्म का महत्व बताया
  आजादी के लिये असंख्य  बलिदान  हुए...

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