मैंने देखा है
साक्षात मौत को
मेरे साथ वर्षों तक
रही भी है वो
पर पहचाना नहीं
मैंने उसको।
मन भावक होता है
सौंदर्य मौत का
वाणी भी मधुर होती है
कोकिला सी
अनुपम होता है
उसका आकर्षण
इसी लिये हर आदमी
किसी को भी बिना बतलाए
उसका हो जाता है।
साक्षात मौत को
मेरे साथ वर्षों तक
रही भी है वो
पर पहचाना नहीं
मैंने उसको।
मन भावक होता है
सौंदर्य मौत का
वाणी भी मधुर होती है
कोकिला सी
अनुपम होता है
उसका आकर्षण
इसी लिये हर आदमी
किसी को भी बिना बतलाए
उसका हो जाता है।