शनिवार, नवंबर 29, 2014

मौत...

मैंने देखा है
 साक्षात  मौत को
मेरे साथ वर्षों तक
रही भी है   वो
पर पहचाना नहीं
मैंने उसको।

मन भावक होता है
सौंदर्य मौत का
वाणी भी मधुर होती है
कोकिला  सी
अनुपम होता है
उसका आकर्षण
इसी लिये हर आदमी
किसी को भी बिना बतलाए
उसका हो जाता है।

2 टिप्‍पणियां:

  1. मौत एक अंतिम सत्य है, जिसे हम इंसान अंत तक समझ नहीं पाते ..

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (30-11-2014) को "भोर चहकी..." (चर्चा-1813) पर भी होगी।
    --
    चर्चा मंच के सभी पाठकों को
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं

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