ये वर्ष जा रहा है,
संदेश ये सुना रहा है,
नया एक दिन पुराना होता,
जो आया है, उसे है जाना होता।
वक्त कितनी जल्दि बीत गया,
हो गया पुराना, जो था नया,
ये नया वर्ष भी बीत जाएगा,
फिर एक नया वर्ष आयेगा।
बीता वक्त न वापिस आता,
समय को न कोई रोक पाता।
आलस्य, सुसती से लड़ो,
आज के काम अभी करो....
आया था जब ये वर्ष,
तन-मन में था तब भी हर्ष,
क्या-क्या खुद से वादे किये थे,
अनेकों तुमने संकल्प लिये थे।
कुछ दिनों में सब कुछ भूल गये थे,
पुराने रंग में रंग रहे थे।
यूं ही जीवन बीत रहा है,
लक्ष्य पीछे छूट रहा है।
युवा हो गयी ये सदी,
सो कर मत रहो तुम अभी।
नव-वर्ष तुम्हे जगा रही है,
असंख्य अवसर, दिखा रही है.....
संदेश ये सुना रहा है,
नया एक दिन पुराना होता,
जो आया है, उसे है जाना होता।
वक्त कितनी जल्दि बीत गया,
हो गया पुराना, जो था नया,
ये नया वर्ष भी बीत जाएगा,
फिर एक नया वर्ष आयेगा।
बीता वक्त न वापिस आता,
समय को न कोई रोक पाता।
आलस्य, सुसती से लड़ो,
आज के काम अभी करो....
आया था जब ये वर्ष,
तन-मन में था तब भी हर्ष,
क्या-क्या खुद से वादे किये थे,
अनेकों तुमने संकल्प लिये थे।
कुछ दिनों में सब कुछ भूल गये थे,
पुराने रंग में रंग रहे थे।
यूं ही जीवन बीत रहा है,
लक्ष्य पीछे छूट रहा है।
युवा हो गयी ये सदी,
सो कर मत रहो तुम अभी।
नव-वर्ष तुम्हे जगा रही है,
असंख्य अवसर, दिखा रही है.....