आती है होली हर बार,
लेकर रंगों की भरमार,
महक रही है प्रेम से धर्ती,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
सभी गले मिल रहे हैं,
प्रेम के फूल खिल रहे हैं,
देकर इक दुजे को शुभकामनाएं,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
नफरत की जगह है दिलों में प्यार,
न जाती धर्म की है दिवार,
गिले शिकवे सब भूलकर,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
है होली का ये संदेश,
न नफरत न रखो क्लेश,
ऐसे लगे नित्य धरा पर,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
लेकर रंगों की भरमार,
महक रही है प्रेम से धर्ती,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
सभी गले मिल रहे हैं,
प्रेम के फूल खिल रहे हैं,
देकर इक दुजे को शुभकामनाएं,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
नफरत की जगह है दिलों में प्यार,
न जाती धर्म की है दिवार,
गिले शिकवे सब भूलकर,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
है होली का ये संदेश,
न नफरत न रखो क्लेश,
ऐसे लगे नित्य धरा पर,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
मना रहे हैं सब मिलकर होली।