कोकिला तु आज मुझे कोई ऐसा गीत सुनादे।
जो अतर्मन में बस जाए, बीते दिनों की याद भुलादे।
जो लिखा हो गीत मेरे लिए, हर शब्द हो जिस
में प्रेम का,
वफा की महक हो जिसमे, मौन अधरों को हंसा
दे।
किसी गीतकार के पास जाना, मेरे गमों की
दास्ता सुनाना,
पवन से शीतलता ले जाना, जो सुंदर गीत बना
दे।
प्रथम सुंदर उपवन में जाना, वहां से प्रेम के पुष्प लाना,
उन्हे इस चमन में लगाना, मेरा उजड़ा चमन महका दे।
फिर यमुना तड पे जाना, श्याम की बंसी
सुनकर आना,
वो प्यारी धुन मेरे कानों को भी सुनाना, जो मेरी
रुह को महकादे।
गीत इस मस्ति में गाना, जीवन में नए रंग
भर दे।
इस टूटे दिल में फिर से, प्ेम की
शीतल गंगा बहादे।
बढ़िया है भाई कुलदीप जी-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें-
बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति आभार सौतेली माँ की ही बुराई :सौतेले बाप का जिक्र नहीं sath hi मोहपाश को छोड़ सही रास्ता दिखाएँ .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर भावात्मक रचना -बधाई कुलदीप सिंह जी
जवाब देंहटाएंlatest postउड़ान
teeno kist eksath"अहम् का गुलाम "
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार १ जुलाई २०२२ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
प्रथम सुंदर उपवन में जाना, वहां से प्रेम के पुष्प लाना,
जवाब देंहटाएंउन्हे इस चमन में लगाना, मेरा उजड़ा चमन महका दे।
कोकिला तु आज मुझे कोई ऐसा गीत सुनादे।
जवाब देंहटाएंजो अतर्मन में बस जाए, बीते दिनों की याद भुलादे।
क्या कोई गीत ऐसा है जो बीते दिनों की याद भुला दे
हृदय स्पर्शी सृजन,सादर नमस्कार सर 🙏
बहुत ही सुंदर प्रार्थना।
जवाब देंहटाएंप्रभु जल्द ही सुने।
सादर
बहुत ही सुन्दर...
जवाब देंहटाएंकोकिला तु आज मुझे कोई ऐसा गीत सुनादे।
जो अतर्मन में बस जाए, बीते दिनों की याद भुलादे।