सोमवार, मार्च 04, 2013

कोई ऐसा गीत सुना दे।



कोकिला तु आज मुझे कोई ऐसा गीत सुनादे।
जो अतर्मन  में बस जाए, बीते  दिनों की याद भुलादे।

जो लिखा हो गीत मेरे लिए, हर शब्द हो जिस में प्रेम का,
वफा की महक हो जिसमे, मौन अधरों को हंसा दे।

किसी गीतकार के पास जाना, मेरे गमों की दास्ता सुनाना,
पवन से शीतलता ले जाना, जो सुंदर गीत बना दे।

प्रथम सुंदर उपवन  में जाना, वहां से प्रेम के पुष्प  लाना,
उन्हे इस चमन में लगाना,  मेरा उजड़ा चमन महका दे।

फिर यमुना तड पे जाना, श्याम की बंसी सुनकर आना,
वो प्यारी धुन मेरे कानों को भी  सुनाना, जो मेरी रुह को महकादे।


गीत इस मस्ति में गाना, जीवन में नए रंग भर दे।
इस टूटे दिल में फिर से, प्ेम की शीतल  गंगा बहादे।

8 टिप्‍पणियां:

  1. बढ़िया है भाई कुलदीप जी-
    शुभकामनायें-

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  2. बहुत सुन्दर भावात्मक रचना -बधाई कुलदीप सिंह जी
    latest postउड़ान
    teeno kist eksath"अहम् का गुलाम "

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  3. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार १ जुलाई २०२२ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  4. प्रथम सुंदर उपवन में जाना, वहां से प्रेम के पुष्प लाना,
    उन्हे इस चमन में लगाना, मेरा उजड़ा चमन महका दे।

    जवाब देंहटाएं
  5. कोकिला तु आज मुझे कोई ऐसा गीत सुनादे।
    जो अतर्मन में बस जाए, बीते दिनों की याद भुलादे।

    क्या कोई गीत ऐसा है जो बीते दिनों की याद भुला दे
    हृदय स्पर्शी सृजन,सादर नमस्कार सर 🙏

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  6. बहुत ही सुंदर प्रार्थना।
    प्रभु जल्द ही सुने।
    सादर

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  7. बहुत ही सुन्दर...
    कोकिला तु आज मुझे कोई ऐसा गीत सुनादे।
    जो अतर्मन में बस जाए, बीते दिनों की याद भुलादे।

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