मंगलवार, दिसंबर 31, 2013

आने वाले नव वर्ष में....



[आप सब को नूतन वर्ष 2014 की हार्दिक शुभकामनाएं...]
सूरज सा  चमके अपना भारत,
भ्रष्टाचार मुक्त हो अपना भारत,
खोई पहचान वापिस आये,
आने वाले नव वर्ष में....

भरे रहे अन्न  के भंडार,
भूखा न रहे कोई परिवार,
काला धन न हो कहीं भी,
आने वाले नव वर्ष में....

खिलखिलाए सब का बचपन,
न बोझ उठाए कोई  सुमन,
स्कूल जाएं सब, शिक्षा पाएं,
आने वाले नव वर्ष में....

सब को मिले अपने अधिकार,
सब अपनाएं सदाचार,
सब में आपसी प्रेम हो,
आने वाले नव वर्ष में....

न भेद हो, ऊंच-नीच का,
न शोर हो, जाती, धर्म, क्षेत्र का,
अमन हो केवल  चारों ओर,
आने वाले नव वर्ष में....

सब में हो देश-भक्ति,
दे भवानी मां  सब को शक्ति,
लोकतंत्र हो, सुशासन हो,
आने वाले नव वर्ष में....

मंगलवार, दिसंबर 10, 2013

आम आदमी...[कुलदीप ठाकुर]



सोचा कैसे कुर्सी पाएं,
"आमआदमी" नाम से पार्टी बनाएं,
सब दलों को भ्रष्ट बताकर,
खुद को इमानदार बताएं...

जहां चुनाव केवल छलावा है,
कुर्सी के लिये बस दिखावा है,
जहां व्याप्त है केवल भ्रष्टाचार,
वहां पटेल, शास्त्रि   कहां से आये...

कभी तो   की पद यात्रा,
कभी  रथ यात्राएं निकाली,
कभी  चले साइकलों पर,
जंता पागल बनती जाए...

आसान नहीं है सिंहासन पाना,
पड़ता है झाड़ू तक भी उठाना,
जब सारे नुस्के फेल हो गये,
भाषण, वादे काम न आये...

समस्याओं में घिरा है "आम आदमी",
न वोट मांगता है "आम आदमी",
"आम आदमी" चाहता है केवल,
रोटी, कपड़ा, मकान मिल जाए...