***आप***सब को****पावन***पर्व***दिवाली की***अनंत***शूभकामनाएं****
दोस्त दुशमन साथ आयें,
गिले-शिकवे सब भूल जाएं,
पर्व है ये मानवता का,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
हिन्दू सिख मुस्लमान,
है एक धरा के सब इनसान,
लड़ने के लिये हमने मजहब
बनाए,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
लड़ियां , मौमबत्तियां भले जलाना,
दिपक को मत भूल जाना,
परंप्रा को न भुलाएं,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
जी भरके करना दान,
सब अधरों पर लाना मुस्कान,
कहीं निर्धनों को न भूल जाएं,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
मां से मांगना केवल ये वर,
दरिद्र न रहे कोई धरा पर,
हर घर में अपना स्थान
बनाएं,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
काश
जवाब देंहटाएंजला पाती एक दीप ऐसा
जो सबका विवेक हो जाता रौशन
और
सार्थकता पा जाता दीपोत्सव
दीपपर्व सभी के लिये मंगलमय हो ……
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएं--
आपको और आपके पूरे परिवार को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
स्वस्थ रहो।
प्रसन्न रहो हमेशा।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
जवाब देंहटाएं--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज रविवार (03-11-2013) "बरस रहा है नूर" : चर्चामंच : चर्चा अंक : 1418 पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का उपयोग किसी पत्रिका में किया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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प्रकाशोत्सव दीपावली की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
जवाब देंहटाएंशुभ भावना और भाव से संसिक्त सुन्दर प्रस्तुति :
दोस्त दुशमन साथ आयें,(दुश्मन )
गिले-शिकवे सब भूल जाएं,
पर्व है ये मानवता का,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
हिन्दू सिख मुस्लमान,(हिन्दु )
है एक धरा के सब इनसान,(इंसान )
लड़ने के लिये हमने मजहब बनाए,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
लड़ियां , मौमबत्तियां भले जलाना,
दिपक को मत भूल जाना,(दीपक )
परंप्रा को न भुलाएं,(परम्परा )
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
जी भरके करना दान,
सब अधरों पर लाना मुस्कान,
कहीं निर्धनों को न भूल जाएं,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
मां से मांगना केवल ये वर,
दरिद्र न रहे कोई धरा पर,
हर घर में अपना स्थान बनाएं,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
बहुत सुन्दर .दीपोत्सव की मंगलकामनाएँ !!
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : कुछ भी पास नहीं है
बहुत सुन्दर सुविचार प्रस्तुत करती रचना !
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनाएं !
नई पोस्ट आओ हम दीवाली मनाएं!
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंदीप पर्व आपको सपरिवार शुभ हो !
आमीन ... कोई दरिद्र न रहे ... सबको खुशियां मिलें ...
जवाब देंहटाएंदीप पर्व की हार्दिक बधाई ....
शुभभावना शुभ कामना से प्रेरित सुन्दर सौद्देश्य रचना। आभार आपकी टिपण्णी का। ये टिपण्णी कभी कभार लेखन की आंच को दहका देतीं हैं।
जवाब देंहटाएं***आप***सब को****पावन***पर्व***दिवाली की***अनंत***शूभकामनाएं****
दोस्त "दुशमन" साथ आयें,
गिले-शिकवे सब भूल जाएं,
पर्व है ये मानवता का,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
हिन्दू सिख मुस्लमान,
""है" एक धरा के सब
"इनसान ","लड़ने के लिये हमने मजहब बनाए,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
लड़ियां , मौमबत्तियां भले जलाना,
दिपक को मत भूल जाना,
"परंप्रा" को न भुलाएं,
आयी दिवाली, मिलकर मनाएं,
,परम्परा
(शुभकामनाएं ,दुश्मन ,"हैं "एक धरा के सब "इंसान ",परम्परा )
बहुत सुंदर ..
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचनात्मक लेखन।
जवाब देंहटाएंसुंदर अनुरोध दीवाली का . . .
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