आज हम
अपने बच्चों को
उच्च शिक्षा देकर
बड़ा आदमी बनाने का
ख्वाब देखते हैं
ख्वाब पूरा भी हो जाता है...
पर हम भूल जाते हैं
उच्च शिक्षा के साथ
बच्चों के सामने
चरित्र निर्माण के लिये
राम का चरित्र होना चाहिये...
इसी लिये आज
रावण की तरह
बड़े तो बहुत हैं
भरत, Laxman,
राम नहीं मिलते...
अपने बच्चों को
उच्च शिक्षा देकर
बड़ा आदमी बनाने का
ख्वाब देखते हैं
ख्वाब पूरा भी हो जाता है...
पर हम भूल जाते हैं
उच्च शिक्षा के साथ
बच्चों के सामने
चरित्र निर्माण के लिये
राम का चरित्र होना चाहिये...
इसी लिये आज
रावण की तरह
बड़े तो बहुत हैं
भरत, Laxman,
राम नहीं मिलते...
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (21-10-2015) को "आगमन और प्रस्थान की परम्परा" (चर्चा अंक-2136) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
रावण बहुतेरे है ऐसे में राम कहाँ से लाएं ..
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