श्री राम
सामान्य पुरूष नहीं
मर्यादा पुरुषोत्तम
आदर्श राजा थे...
ईश्वर थे
भले ही राम
पर सीता के बिना
पूर्ण नहीं थे...
सुख में भी
वो साथ रही
दुख में भी
साथ दिया...
महलों में रही
या वनों में
पालन किया
पतिव्रत धर्म का...
अगर न होती
अग्नि परीक्षा
शंका के बादल
बार-बार घिर आते...
आदर्श राजा
कहलाते कैसे
रघु-कुल की रीत
बचाते कैसे...
अग्नि परीक्षा
ने दिखाया जग को
पावन चरित्र
सीता का...
न छुह सका रावण
न जला सकी अग्नि
देकर अग्नी परीक्षा
सर्वश्रेष्ठ, बनी...
श्री राम ने
नारी का
सदा ही
संमान किया......
राम को जानो
सीता को पहचानो
राजा के धर्म को
अन्याय न कहो...
सामान्य पुरूष नहीं
मर्यादा पुरुषोत्तम
आदर्श राजा थे...
ईश्वर थे
भले ही राम
पर सीता के बिना
पूर्ण नहीं थे...
सुख में भी
वो साथ रही
दुख में भी
साथ दिया...
महलों में रही
या वनों में
पालन किया
पतिव्रत धर्म का...
अगर न होती
अग्नि परीक्षा
शंका के बादल
बार-बार घिर आते...
आदर्श राजा
कहलाते कैसे
रघु-कुल की रीत
बचाते कैसे...
अग्नि परीक्षा
ने दिखाया जग को
पावन चरित्र
सीता का...
न छुह सका रावण
न जला सकी अग्नि
देकर अग्नी परीक्षा
सर्वश्रेष्ठ, बनी...
श्री राम ने
नारी का
सदा ही
संमान किया......
राम को जानो
सीता को पहचानो
राजा के धर्म को
अन्याय न कहो...
बहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंसही सोच
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबधाई