हम आए थे जब
याद करो दुनियां में
ईश्वर की तरह निश्छल आए थे
न जानते थे कुछ
न कुछ पाने की इच्छा थी...
ये भी जानते हैं हम
जब दुनियां से जाएंगे
कोई साथ न चलेगा
छूट जाएगा सब कुछ यहीं,
साथ न कुछ ले जा पाएंगे...
अतृप्त वासनाए थी पूर्व जन्म में
उन्हे पूरी करने आए जन्म लेकर
इस जन्म में भी अगर
लोभ, स्वार्थ, उच्च आकांक्षाएं होगी
पुनः आना पड़ेगा जन्म लेकर...
ईश्वर ने दुःख और सुख
जन्म के साथ नहीं भेजे
जो कल किये कर्म हमने
उस पर हमारा आज है
कल भी हमारे आज पर होगा....
याद करो दुनियां में
ईश्वर की तरह निश्छल आए थे
न जानते थे कुछ
न कुछ पाने की इच्छा थी...
ये भी जानते हैं हम
जब दुनियां से जाएंगे
कोई साथ न चलेगा
छूट जाएगा सब कुछ यहीं,
साथ न कुछ ले जा पाएंगे...
अतृप्त वासनाए थी पूर्व जन्म में
उन्हे पूरी करने आए जन्म लेकर
इस जन्म में भी अगर
लोभ, स्वार्थ, उच्च आकांक्षाएं होगी
पुनः आना पड़ेगा जन्म लेकर...
ईश्वर ने दुःख और सुख
जन्म के साथ नहीं भेजे
जो कल किये कर्म हमने
उस पर हमारा आज है
कल भी हमारे आज पर होगा....
सार्थक व प्रशंसनीय रचना...
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है।
बहुत सुंदर रचना है ....
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