यही तोसंसार है...
जाओ मेघो लौट जाओ...
दुनिया ने मुझे...
उत्तरांचल की तबाही पर कुछ दोहे…
मैं ऐसा गीत बनाना चाहता हूं...
कल था जहां राम राज्य...
आया है आपना नव पर्ष...
मना रहे हैं सब मिलकर होली...
मैं वोही करण हूं...
मिलन न होगा...
कोई ऐसा गीत सुनादे
मेरी कलम कहती है मुझसे...
नारी तुम और सशक्त बनो...
केवल भ्रम है...
घायल लोकतंत्र...
श्रधांजली...
दिवाली...
पश्चिमी तुफान...
अदभुत माया...
जिंदगी...
कुर्सी की पूजा...
प्रेम पावन...
जीवन की धारा...
मेरी चाहत...
आप की जुदाई पर...
चड़ते सूरज को स्लाम...
हिंदी के सिंहासन पर...
प्यार कभी मरता नहीं है...
सपने...
मैं तो तेरी जननी हूं...
मैं कहना चाहता हूं...
फूट पड़ी है गीत बनकर...
मैं खड़ा इस पार...
15 अगस्त...
चेतावनी...
कृष्ण का आवाहन...
रक्षाबंधन...
मैं अकेला हूँ , लेकिन फिर भी मैं हूँ.मैं सबकुछ नहीं कर सकता , लेकिन मैं कुछ तो कर सकता हूँ, और सिर्फ इसलिए कि मैं सब कुछ नहीं कर सकता , मैं
वो करने से पीछे नहीं हटूंगा जो मैं कर सकता हूँ.-हेलेन केलर
यहां प्रकाशित रचनाएं मेरी अपनी हैं।
ये सभी प्रकार की साहित्य विधाओं में प्रयुक्त शिल्प, छंद, अलंकार और शैली आदि से बिलकुल मुक्त है। ये केवल मेरे मन का मंथन है।
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