आती है होली हर बार,
लेकर रंगों की भरमार,
महक रही है प्रेम से धर्ती,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
सभी गले मिल रहे हैं,
प्रेम के फूल खिल रहे हैं,
देकर इक दुजे को शुभकामनाएं,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
नफरत की जगह है दिलों में प्यार,
न जाती धर्म की है दिवार,
गिले शिकवे सब भूलकर,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
है होली का ये संदेश,
न नफरत न रखो क्लेश,
ऐसे लगे नित्य धरा पर,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
लेकर रंगों की भरमार,
महक रही है प्रेम से धर्ती,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
सभी गले मिल रहे हैं,
प्रेम के फूल खिल रहे हैं,
देकर इक दुजे को शुभकामनाएं,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
नफरत की जगह है दिलों में प्यार,
न जाती धर्म की है दिवार,
गिले शिकवे सब भूलकर,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
है होली का ये संदेश,
न नफरत न रखो क्लेश,
ऐसे लगे नित्य धरा पर,
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
मना रहे हैं सब मिलकर होली।
होली की हार्दिक शुभकामनायें !!
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम की ओर से आप सब को सपरिवार होली ही हार्दिक शुभकामनाएँ !
जवाब देंहटाएंआज की ब्लॉग बुलेटिन हैप्पी होली - २ - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
holi pr apko hardik shubhkamanayen ......sundar rachana ke liye sadar aabhar Kuldeep ji
जवाब देंहटाएंholi pr hardik shubhkamanayen .....rachana bahut achchhi lagi ...sadar aabhar Kuldeep ji
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