शुक्रवार, जून 17, 2016

अब क्या करें?

शौक आदत बन गयी
अब क्या करें?
नशा है जहर
अब क्या करें?
आशाएं मां-बाप की
दर दर भटक रही,
उनके बिखरे  अर्मानों का,
अब क्या करें?
समझाया था बहुत
न सुनी तब  किसी की,
ओ समझाने वालों बताओ,
अब क्या करें?
न होष है खुद की
न पास है कोई हितेशी, 
 जीवन है अनुमोल,
अब क्या करें?
वो दोस्त  भी तबाह है
जिसके साथ धुआं उड़ाया,
जेब भी है  खाली,
अब क्या करें?
ऐ दोस्त तुने मुझे,
नशे की जगह जहर दिया  होता,
न जीना पड़ता इस हाल में,
अब क्या करें?


2 टिप्‍पणियां:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " सुपरहिट फिल्मों की सुपरहिट गलतियाँ - ब्लॉग बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  2. बहुत बढिया हताशा की रचना।
    समझाने वालों ने तो बहुत समझाया, तूही न समझा तो,
    वे अब क्या करें।

    जवाब देंहटाएं

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