एक नेता
सरकारी स्कूल के
छोटे-छोटे बच्चों को भी
सरकारी योजनाएं
गिनवा रहा था...
दोपहर का भोजन
मिलता है मुफ्त
नहीं लगता
स्कूल आने में किराया
न सिलवानी पड़ती है
वर्दी भी अब...
एक बच्चा
उसी वक्त
मंच के सामने आया
जिसकी फटी हुई वर्दी
नेता जी के भाषण पर
मानो व्यंग कर रही हो...
वह कांपते हुए बोला
हमे कुछ नहीं चाहिये
मुफ्त का कुछ भी
बस आप
मेरे पापा की
शराब छुड़वा दो...
सरकारी स्कूल के
छोटे-छोटे बच्चों को भी
सरकारी योजनाएं
गिनवा रहा था...
दोपहर का भोजन
मिलता है मुफ्त
नहीं लगता
स्कूल आने में किराया
न सिलवानी पड़ती है
वर्दी भी अब...
एक बच्चा
उसी वक्त
मंच के सामने आया
जिसकी फटी हुई वर्दी
नेता जी के भाषण पर
मानो व्यंग कर रही हो...
वह कांपते हुए बोला
हमे कुछ नहीं चाहिये
मुफ्त का कुछ भी
बस आप
मेरे पापा की
शराब छुड़वा दो...
कुलदीप जी, आपका ब्लॉग पसंद आया.
जवाब देंहटाएंबढ़िया
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