कभी सोचा है
शेर मांस ही क्यों खाता है?
उसे चाहे कुछ भी मिले
पर उसकी भूख मांस से ही मिटती है।
एक चिड़िया
केवल अन्न ही खाती है
अन्न न भी मिले
वह किसी जीव को नहीं खाती।
जानते हो क्यों?
इन दोनों की भूख में फर्क है....
एक रहीस का बच्चा
थाली से पूरा भोजन कभी नहीं खाता,
रेलवे स्टेशन पर हाथ फैलाता हुआ बच्चा
फैंके गए छिलके को भी मुंह में डाल देता है
मैं सोचता हूं
इन दोनों की भूख में फर्क है
पर खतरनाक
रहीस के बच्चे की भूख है...
कोई बिना रोटी से भूखा हैं
किसी को दवाइयों से भी भूख नहीं लगती
हैं तो दोनों भूखे हैं
इन दोनों की भूख में भी फर्क है.
एक की आवश्यक्ता रोटी है
और दूसरे की भूख ही आवश्यक्ता है...
पर मैं उस भूख की बात कर रहा हूं
जिससे एक विद्वान पंडित, रावण बन जाता है,
क्षण भर में ही उसका सारा ज्ञान नष्ट हो जाता है।
मैं उस भूख की बात कर रहा हूं,
जो औरंगजेब को लगी थी,
जिसने अपने जनक को ही कारावास में डाल दिया था।
मैं उस भूख की बात कर रहा हूं,
जो कीचक को पांचाली को देखकर लगी थी।
जिससे डर कर आज हर लड़की भयभीत है....
शेर मांस ही क्यों खाता है?
उसे चाहे कुछ भी मिले
पर उसकी भूख मांस से ही मिटती है।
एक चिड़िया
केवल अन्न ही खाती है
अन्न न भी मिले
वह किसी जीव को नहीं खाती।
जानते हो क्यों?
इन दोनों की भूख में फर्क है....
एक रहीस का बच्चा
थाली से पूरा भोजन कभी नहीं खाता,
रेलवे स्टेशन पर हाथ फैलाता हुआ बच्चा
फैंके गए छिलके को भी मुंह में डाल देता है
मैं सोचता हूं
इन दोनों की भूख में फर्क है
पर खतरनाक
रहीस के बच्चे की भूख है...
कोई बिना रोटी से भूखा हैं
किसी को दवाइयों से भी भूख नहीं लगती
हैं तो दोनों भूखे हैं
इन दोनों की भूख में भी फर्क है.
एक की आवश्यक्ता रोटी है
और दूसरे की भूख ही आवश्यक्ता है...
पर मैं उस भूख की बात कर रहा हूं
जिससे एक विद्वान पंडित, रावण बन जाता है,
क्षण भर में ही उसका सारा ज्ञान नष्ट हो जाता है।
मैं उस भूख की बात कर रहा हूं,
जो औरंगजेब को लगी थी,
जिसने अपने जनक को ही कारावास में डाल दिया था।
मैं उस भूख की बात कर रहा हूं,
जो कीचक को पांचाली को देखकर लगी थी।
जिससे डर कर आज हर लड़की भयभीत है....
Bahut sunder kataksh hai kuldeep ji. Bahut suner varnan kiya hai apne.
जवाब देंहटाएं