गुरुवार, दिसंबर 10, 2015

जीवन का है लक्ष्य यहीं।

मैं चल रहा हूं
कहीं रुका नहीं
आयी बाधाएं
मैं झुका नहीं।
जब कहा कदमों ने
ठहरों यहीं
कहा मन ने
ये  मंजिल नहीं।
निश्चय मेरा अटल है,
चाल मेरी धीमे  सही
पहुंचना है मंजिल तक
जीवन का है  लक्ष्य यहीं।

 

13 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (11.12.2015) को " लक्ष्य ही जीवन का प्राण है" (चर्चा -2187) पर लिंक की गयी है कृपया पधारे। वहाँ आपका स्वागत है, सादर धन्यबाद।

    जवाब देंहटाएं
  2. Atal Nisha how to Manji milati hee hai. Sunder prastuti.

    जवाब देंहटाएं
  3. निश्चय मेरा अटल है,
    चाल मेरी धीमे सही
    पहुंचना है मंजिल तक
    जीवन का है लक्ष्य यहीं।
    ..गर मन में अटल विश्वास हो तो मंजिल एकदिन निश्चित रूप से कदम चूमती है ..
    बहुत सुन्दर

    जवाब देंहटाएं
  4. 05EE8C93D7BerenF88E1B67488:11 am

    71E58E1470
    takipçi

    जवाब देंहटाएं

ये मेरे लिये सौभाग्य की बात है कि आप मेरे ब्लौग पर आये, मेरी ये रचना पढ़ी, रचना के बारे में अपनी टिप्पणी अवश्य दर्ज करें...
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ मुझे उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !