कोई भी सरकार आये,
राजा चाहे कोई भी हो,
आम आदमी की आवाज,
कोई भी नहीं सुनता...
आम आदमी भी,
जब पा जाता है कुर्सी,
आम आदमी की आवाज,
वो भी नहीं सुनता...
आते हैं जब राजा,
उमड़ आती है भीड़,
उनका कहा हर शब्द,
आम आदमी आनंद से है सुनता...
आम आदमी की हर पीड़ा,
महसूस की कवियों ने,
कवियों की आवाज तो,
आम आदमी भी नहीं सुनता...
राजा चाहे कोई भी हो,
आम आदमी की आवाज,
कोई भी नहीं सुनता...
आम आदमी भी,
जब पा जाता है कुर्सी,
आम आदमी की आवाज,
वो भी नहीं सुनता...
आते हैं जब राजा,
उमड़ आती है भीड़,
उनका कहा हर शब्द,
आम आदमी आनंद से है सुनता...
आम आदमी की हर पीड़ा,
महसूस की कवियों ने,
कवियों की आवाज तो,
आम आदमी भी नहीं सुनता...
बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर...
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जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर...
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