गुरुवार, जनवरी 14, 2016

मकर संक्रांति वर्ष में, दिवस है सब से पावन...


मकर संक्रांति वर्ष में,
दिवस है सब से पावन,
जीवन और वातावरण में
 होता है दिव्य परिवर्तन।
सूर्य देव  का होने लगा
उत्तर को अब  गमन
 अंधकार सब दूर हुआ,
हुआ धरा पर चानण।
प्रातः ही  नदियों पर जाकर
करना  पावन स्नान,
फिर ईश्वर की वंदना करके,
दोनों हाथों से करना दान।
नकारात्मकता  को नष्ट करो,
कहता है ये पर्व,
    जीवन में उच्च कर्म करो,
धरा ही है स्वर्ग।

7 टिप्‍पणियां:

  1. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं
  2. आपको मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन देश-गति के उत्तरायण में होने का इंतजार - ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है.... आपके सादर संज्ञान की प्रतीक्षा रहेगी..... आभार...

    जवाब देंहटाएं
  4. Makar Sankranti ka ye parv humare aur desh ke Kam kaj me sakaratmkta laye.

    जवाब देंहटाएं
  5. Makar Sankranti ka ye parv humare aur desh ke Kam kaj me sakaratmkta laye.

    जवाब देंहटाएं
  6. सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार! मकर संक्रान्ति पर्व की शुभकामनाएँ!

    मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत सुन्दर सामयिक रचना
    मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाऐं।

    जवाब देंहटाएं

ये मेरे लिये सौभाग्य की बात है कि आप मेरे ब्लौग पर आये, मेरी ये रचना पढ़ी, रचना के बारे में अपनी टिप्पणी अवश्य दर्ज करें...
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ मुझे उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !