गुरुवार, जनवरी 07, 2016

...पर उनकी तलाश पूरी नहीं होती...

मुझे याद है
जाते वक़्त उसने
कहा था मुझसे
...तुम जैसे हज़ार मिलेंगे...
मैं ये  सुनकर
चौंका पर मौन रहा
मुझे ठुकराकर
 ...फिर मुझ जैसे की ही  तलाश क्यों?...
कुछ लोग जीवन भर ही
एक अच्छे के बाद और अच्छे की तलाश में
 न जाने कितनों को तबाह कर देते हैं
...पर उनकी तलाश पूरी नहीं होती...


4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 08 जनवरी 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  2. राजेंद्र कुमार

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  3. सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति

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  4. सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति

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