उदास हुआ दिल आज फिर से,
जब झूम- झूम कर आया सावन,
वोही पुराने ज़ख्म लेकर,
जोर-जोर से बरसा सावन।
हर तरफ जब हरियाली देखी,
सोचा जीवन भी महकेगा,
केवल मिलन की आस जगाने,
इस बार भी आया सावन।
छम-छम जब वर्षा हुई,
सुलगा उठी यादें पुरानी,
मंद-मंद जब पवन चली,
हलचल दिल में मचा गया सावन।
फूल खिले केवल ज़ख़्मों के
हिज्र के गीत पंछी सुनाएं।
बार बार बादल गरजें,
आया सावन, न भाया सावन।
पपपीहे तुम उनके पास जाना,
मेरे ये गीत, उनको सुनाना,
न भी सुने, तुम गाते जाना,
बीत न जाए जब तक सावन।
जब झूम- झूम कर आया सावन,
वोही पुराने ज़ख्म लेकर,
जोर-जोर से बरसा सावन।
हर तरफ जब हरियाली देखी,
सोचा जीवन भी महकेगा,
केवल मिलन की आस जगाने,
इस बार भी आया सावन।
छम-छम जब वर्षा हुई,
सुलगा उठी यादें पुरानी,
मंद-मंद जब पवन चली,
हलचल दिल में मचा गया सावन।
फूल खिले केवल ज़ख़्मों के
हिज्र के गीत पंछी सुनाएं।
बार बार बादल गरजें,
आया सावन, न भाया सावन।
पपपीहे तुम उनके पास जाना,
मेरे ये गीत, उनको सुनाना,
न भी सुने, तुम गाते जाना,
बीत न जाए जब तक सावन।
Ati sunder bhaw.....
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंसार्थक और मार्मिक प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत
जवाब देंहटाएंऔर कोमल भावो की अभिवयक्ति..
सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
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