उस औरत को
न्याय मिल सकता है
वो पढ़ी लिखी है
जानती है
हर उस कानून के बारे में
जो बने हैं
उसके संरक्षण के लिये...
फिर भी वो
सह रही है
मार-पीट
और हिंसा
एक शराबी की
जो शराब भी
उसकी कमाई से
पीता है...
उसे याद है
विदाई के समय
नम आंखों से
कहा था मां ने
जा बेटा अब
खुश रहना
उस बड़े कुल में...
मायका भी
अब हो गया पराया
जाएं कहां
बच्चे भी हैं,
अकेले मे
जी भर के
रोती है बस वो...
न्याय मिल सकता है
वो पढ़ी लिखी है
जानती है
हर उस कानून के बारे में
जो बने हैं
उसके संरक्षण के लिये...
फिर भी वो
सह रही है
मार-पीट
और हिंसा
एक शराबी की
जो शराब भी
उसकी कमाई से
पीता है...
उसे याद है
विदाई के समय
नम आंखों से
कहा था मां ने
जा बेटा अब
खुश रहना
उस बड़े कुल में...
मायका भी
अब हो गया पराया
जाएं कहां
बच्चे भी हैं,
अकेले मे
जी भर के
रोती है बस वो...
आज के समय में भी नारी की विवशता...बहुत मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंसवाल कई है
जवाब देंहटाएंजिनके जबाब ढूंढने हैं