सोमवार, नवंबर 24, 2014

...जीने के लिये तुम्हारे शब्द ही काफी हैं...

    उस दिन जब
मेरा वहां अंतिम दिन था
मुझसे कहा था तुमने
लबों की इस प्यारी मुस्कान को
....कभी मिटने न देना...

आशीषो भरा
आप का कहा हर शब्द
याद रहेगा
जीवन भर मुझे
...हालात भी न छीन सकेंगे  मुझसे...

पर वो मुस्कान
अब लबों पर नहीं है
जो बहुत पहले
भेंट चढ़ गयी हालात की
...जीने के लिये तुम्हारे शब्द ही काफी हैं...

2 टिप्‍पणियां:

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