नहीं चाहते थे दीप बुझना,
चाहते थे प्रकाश फैलाना,
भाता है दीपों को,
बस केवल जगमगाना...
कुछ बुझाए हवाओं ने,
कुछ में तेल कम था,
कुछ जलते रहे भोर तक,
था लक्ष्य थिमिर को मिटाना...
बुझते हुए दीपों ने,
कहा बस हम से ये,
जब जब भी अंधकार हो,
केवल हमे ही जलाना...
चाहते थे प्रकाश फैलाना,
भाता है दीपों को,
बस केवल जगमगाना...
कुछ बुझाए हवाओं ने,
कुछ में तेल कम था,
कुछ जलते रहे भोर तक,
था लक्ष्य थिमिर को मिटाना...
बुझते हुए दीपों ने,
कहा बस हम से ये,
जब जब भी अंधकार हो,
केवल हमे ही जलाना...
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंप्रकाशोत्सव के महा पर्व दीपावली की शृंखला में
पंच पर्वों की आपको शुभकामनाएँ।
हैप्पी दिवाली ....शुभकामनाएँ आपको
जवाब देंहटाएंसुंदर ।
जवाब देंहटाएंस्नेहाशीष .......... असीम शुभकामनायें ............
जवाब देंहटाएंखुबसूरत अभिव्यक्ति
badhiya ...
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