जीत हुई श्री राम की,
साथ था उनके धर्म,
छल, कपट, और अत्याचार
थे रावण के कर्म।
धन वैभव और नारी,
थे रावण के पाष,
क्रोध, लोभ, अहंकार से,
होता है केवल विनाश,
कैसे जीत होती रावण की,
जब घर में ही था क्लेश,
सत्य की जीत होती है सदा,
ये है दशहरे का संदेश...
[आप सब को इस महान पर्व की शुभकामनाएं...]
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (04-10-2014) को "अधम रावण जलाया जायेगा" (चर्चा मंच-१७५६) पर भी होगी।
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चर्चा मंच के सभी पाठकों को
विजयादशमी (दशहरा) की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर रचना कुलदीप जी। स्वयं शून्य
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर , सर धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
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सही सन्देश
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