जीतकर एक लंबी जंग,
हमने आजादी पाई है,
पुत्रों ने धर्म निभाया,
मां की पीड़ा मिटाई है...
साक्षी है सूरज चंदा,
सत्य गंगा कहेगी,
शहीदों ने अपने खून से,
ये हरियाली लाई है...
लड़े अंत तक, पर हार न मानी,
शीश मां का कभी, झुकने न दिया,
खुद मरते हुए, दस और मारे,
सीख गोविंद की सदा ही, काम आयी है...
न हस्ति इसकी कभी, मिटने देंगे,
जग अंबर में हिंद, चमकता रहेगा,
हमने इसकी पावन माटी,
सदा मस्तक पे लगाई है...
[स्वतंत्रता दिवस की असंख्य शुभकामनाएं...]
हमने आजादी पाई है,
पुत्रों ने धर्म निभाया,
मां की पीड़ा मिटाई है...
साक्षी है सूरज चंदा,
सत्य गंगा कहेगी,
शहीदों ने अपने खून से,
ये हरियाली लाई है...
लड़े अंत तक, पर हार न मानी,
शीश मां का कभी, झुकने न दिया,
खुद मरते हुए, दस और मारे,
सीख गोविंद की सदा ही, काम आयी है...
न हस्ति इसकी कभी, मिटने देंगे,
जग अंबर में हिंद, चमकता रहेगा,
हमने इसकी पावन माटी,
सदा मस्तक पे लगाई है...
[स्वतंत्रता दिवस की असंख्य शुभकामनाएं...]
सुंदर ।
जवाब देंहटाएंअपनी आजादी को हरगिज भुला सकते नहीं की तर्ज पर बहुत सुन्दर देशप्रेम जगाती प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंस्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
बढ़िया ...........स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंशीश मां का कभी, झुकने न दिया...की तर्ज पर बहुत सुन्दर देशप्रेम जगाती प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
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