मंगलवार, अगस्त 27, 2013

आना श्याम...



टूट गये हैं दिलों के बंधन,
उदास है हर घर आंगन,
जन्म हुआ था प्रेम का जिससे,
वो बंसी तुम  पुनः बजाओ...

अस्त हो गया धर्म का सूरज,
धुमिल हो गयी दिशा पूरव,
पथ भ्रष्ट हैं आज सभी,
गीता का अर्थ समझाओ...

नहीं भाता भीड़ बाजार,
जहां भी जाओ है अंधकार,
मन उदास है कहां जाएं,
श्याम अब आकर रास रचाओ... 
वचन तुम्हे निभाना होगा,
सुदर्शन पुनः उठाना होगा,
अस्तित्व धर्म का बचाना होगा,
आना  श्याम जल्दि आओ...

10 टिप्‍पणियां:

  1. तजे न लोभ
    रुद्र मिली उपाधि
    गोपीनाथ की
    कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनायें ...

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  2. सुंदर आह्वान,बधाई
    आपकी यह रचना कल बुधवार (28-08-2013) को ब्लॉग प्रसारण : 99 पर लिंक की गई है कृपया पधारें.
    सादर
    सरिता भाटिया

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  3. बहुत सुन्दर कविता .
    जन्माष्टमी की शुभकामनाएं .
    परती परिकथा : कोसी की
    http://dehatrkj.blogspot.com/2013/08/blog-post_25.html

    जवाब देंहटाएं



  4. _/\_
    जयश्री कृष्ण !
    श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाइयां और शुभकामनाएं !
    ✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿



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  5. बहुत सुन्दर पुकार ...

    आप सभी मित्रों को कान्हा के अवतरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाये !!

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  6. आओ श्याम गिरधारी , तोरि रे बलिहारि ..जल्दी आओ श्याम । सच कहा आपने और क्या खूब कहा । सुंदर पंक्तयां

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  7. सुन्दर प्रस्तुति-
    आभार आपका-

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  8. महाभारत की भूमिका तैयार है - पर अर्जुन कहाँ हैं!

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  9. हम बन जाये अर्जुन तब कृष्ण को आना ही होगा..

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