हम दोनों थे सुंदर चमन था,
खिले हुए थे प्यारे फूल,
जलाया उसे खुद तुमने, चलो
कोई बात नहीं।...
तुम न रोए, रोए बाकि सब, देख झुलसाए फूलों को,
रोया मैं भी, क्या करता, चलो
कोई बात नहीं।...
सूरज ने भी, चांद ने भी,
तारों ने भी दिया सब को प्रकाश,
मैं दीपक जलाकर भी अंधेरे
में रहा, चलो कोई बात नहीं।...
आया सावन, सावन ने, दी बिना
मांगे सब को खुशियां,
मैं मंदिर से भी खाली लौटा,
चलो कोई बात नहीं।...
आया सावन, सावन ने, दी बिना मांगे सब को खुशियां,
जवाब देंहटाएंमैं मंदिर से भी खाली लौटा, चलो कोई बात नहीं।...
ये अपनी अपनीं किस्मत की बातें हैं ... किसी को जीवन तो किसी को कुछ नहीं .... भाव मय ...
bahut sundar .aabhar
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंवाह-
जवाब देंहटाएंकुछ बात तो है-
सादर-