हर आपदा के बाद
कुछ लोगों के शव
गुम हो जाते हैं
हमेशा के लिये।
उनके प्रीयजन
नहीं कर पाते
उनके अंतिम दर्शन भी
ख्वाइश ही रह जाती है।
कुछ दब जाते हैं
मलवे में ही
जिनको खा
जाते हैं
भयानक जीव जंतु।
कुछ शवों को
अपना लेता है कोई
भाई या पिता के रूप में
मरने के बाद भी।
किसी अंजान शव को देख
जोर जोर से रोना
मुआवजा पाने का
सबसे सस्ता साधन है।
आदरणीय "मयंक" जी वास्तव में बड़ा ही सराहनीय और सार्थक प्रयास कर रहे हैं...मैं चर्चा मंच पर इस रचना का अंश बाँचने के पश्चात पूरी रचना पढ़ने का लोभ संवरण ना कर सका...आदरणीय "मयंक" जी आपको बहुत साधुवाद जो इतनी भावपूर्ण ज्वलंत रचना को बाँचने का सुअवसर आपने चर्चा मंच के माध्यम से उपलब्ध कराया..।
जवाब देंहटाएंVery nice post ...
जवाब देंहटाएंWelcome to my blog on my new post.
भावपूर्ण
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