एक मासूम के साथ
हुआ दुशकर्म भी
टिवी चैनलों पर
नमक मिर्च लगाकर दिखाना
टिवी चैनल को
प्रसिद्धि दिलाने का ही
माधयम बन गया है।
अगर ऐसा न होता तो
ये चैनल
कभी पिड़िता के भाई से
कभी पिता से
कभी रोती हुई मां को
अपने चैनल पर बुलाकर
उनकी अंतर वेदना न पूछते।
ऐसी खबरों को सब से पहले
दिखाने की प्रतिसपर्धा की जगह
अगर ये टीनी चैनल
अपने कैमरे सड़कों या गलियों में लगाते
सोए हुए प्रशासन को जगाते
कहां है असुर्क्षा जंता को बताते
"निर्भय होकर चल सकती थी हर लड़की।"
हुआ दुशकर्म भी
टिवी चैनलों पर
नमक मिर्च लगाकर दिखाना
टिवी चैनल को
प्रसिद्धि दिलाने का ही
माधयम बन गया है।
अगर ऐसा न होता तो
ये चैनल
कभी पिड़िता के भाई से
कभी पिता से
कभी रोती हुई मां को
अपने चैनल पर बुलाकर
उनकी अंतर वेदना न पूछते।
ऐसी खबरों को सब से पहले
दिखाने की प्रतिसपर्धा की जगह
अगर ये टीनी चैनल
अपने कैमरे सड़कों या गलियों में लगाते
सोए हुए प्रशासन को जगाते
कहां है असुर्क्षा जंता को बताते
"निर्भय होकर चल सकती थी हर लड़की।"
मीडिया और हम भी ... जरूरत है संवेदनशील होने की ...
जवाब देंहटाएंसिर्फ अपनी प्रसिद्धि के लिए दिखावा करना दुखद है ..यदि टीवी चैनलों को सच में संवेदना हो तो उन्हें उनके परिवार की हर संभव मदद करनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा दिलाकर ही दम दिखाना चाहिए ....
जवाब देंहटाएं..मर्मस्पर्शी सटीक सामयिक चिंतन प्रस्तुति ...
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
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