भाग्यशाली है वो कुत्ते
जिन का लालन पालन
बड़ी बड़ी कोठियों में
किसी राजकुमार की तरह हो रहा है
निछावर है जिनपर
शहर की सुंदरियों का सकल प्रेम
उन्ही कोठियों में
बदनसीब वो बच्चे भी रहते हैं
जिन्हे रोटी भी
ताने सुन सुनकर
काम के बदले मिलती है।
प्रेम पाने की तो
वो अपेक्षा ही नहीं करते।
अगर इन कोठियों में
कुत्तों की जगह
इन बच्चों का लालन पालन होता
तो मैं कभी भी
इन बच्चों को बदनसीब
उन कुत्तों को भाग्यशाली न कहता।
सार्थक रचना
जवाब देंहटाएंअगर इन कोठियों में
जवाब देंहटाएंकुत्तों की जगह
इन बच्चों का लालन पालन होता
तो मैं कभी भी
इन बच्चों को बदनसीब
उन कुत्तों को भाग्यशाली न कहता।
..यही बात जाने कितने बार मन में आता है ...लेकिन ये बात कुत्ता मालिकों की समझ में आये तो बात बने ...वे भूल जाते हैं कुत्तों को कितना ही इंसानों जैसे रखों लेकिन वे कुत्ते ही रहेगें ...