अमन के रथ पर आयी दिवाली, चारों ओर है खुशहाली।
भूल जाओ अब सारे दुःख, लाई है दिवाली ढेरों सुख।
सब अधरों पर मुस्कान पाओ, घर में दीपक तभी जलाओ।
जिस गेह में हो अन्धेरा, उस घर में कर दो सवेरा।
आज की रात कोई न रोए, भूखे पेट कोई न सोए।
रोते हुए बच्चों को हंसाओ, घर में दीपक तभी जलाओ।
अमावस्य की ये काली निशा, दीपों से जगमगाए हर दिशा।
दीपक तो हर घर में जलाए, पर कोई पतंगा मरने न पाये।
पहले किसी का घर सजाओ, घर में दीपक तभी जलाओ।
कहता है दिवाली का त्योहार, आपस में सभी करो प्यार।
मज़हब की सभी दिवारे तोड़ो, मानवता से नाता जोड़ो।
दुशमनों को गले लगाओ, घर में दीपक तभी जलाओ।
मन के सुन्दर दीप जलाओ******प्रेम रस मे भीग भीग जाओ******हर चेहरे पर नूर खिलाओ******किसी की मासूमियत बचाओ******प्रेम की इक अलख जगाओ******बस यूँ सब दीवाली मनाओ
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंशुभकामनाये पर्व-मालिका की ।
जय गणेश देवा
जय श्री लक्ष्मी ।।
जय माँ सरस्वती ।।
जय श्री राम -
बहुत ही बढ़िया
जवाब देंहटाएंदीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ!
सादर
बेहद सुन्दर भाव पूर्ण अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंदीपमालिका पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना
बहुत देर से पहुँच पाया ..... सहपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ