सारा विश्व तो प्राजित हो गया,
अब तुम ही अपनी शक्ती दिखाओ,
हे ज्ञान दीप हे श्रेष्ठ भारत!
इस करोना पर भी विजय पाओ।
हमारे पास है अलौकिक ज्ञान,
उपनिशद और वेद पुराण,
संजीवनी की खोज करके तुम,
जग में सब का जीवन बचाओ।
घर पर बैठ गया है आदमी,
हो गया बेबस, लाचार आदमी,
मिट गयी है धरा की रौनक,
फिर धरा पर खुशहाली लाओ।
कांप रही है विश्व शक्तियां,
चूर हो गया अहंकार उनका,
हम जो कल थे, आज भी हैं,
दुनियां को ये ऐहसास दिलाओ।
जब-जब धरा पर संकट आया,
भारत ने ही विश्व बचाया,
तुम्हारी ओर ही देख रहा है जग,
धरा को करोना मुक्त बनाओ।
अब तुम ही अपनी शक्ती दिखाओ,
हे ज्ञान दीप हे श्रेष्ठ भारत!
इस करोना पर भी विजय पाओ।
हमारे पास है अलौकिक ज्ञान,
उपनिशद और वेद पुराण,
संजीवनी की खोज करके तुम,
जग में सब का जीवन बचाओ।
घर पर बैठ गया है आदमी,
हो गया बेबस, लाचार आदमी,
मिट गयी है धरा की रौनक,
फिर धरा पर खुशहाली लाओ।
कांप रही है विश्व शक्तियां,
चूर हो गया अहंकार उनका,
हम जो कल थे, आज भी हैं,
दुनियां को ये ऐहसास दिलाओ।
जब-जब धरा पर संकट आया,
भारत ने ही विश्व बचाया,
तुम्हारी ओर ही देख रहा है जग,
धरा को करोना मुक्त बनाओ।
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शुक्रवार 08 मई 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार(०९-०५-२०२०) को 'बेटे का दर्द' (चर्चा अंक-३६९६) पर भी होगी
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
**
अनीता सैनी
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंहमारे पास है अलौकिक ज्ञान,
जवाब देंहटाएंउपनिशद और वेद पुराण,
संजीवनी की खोज करके तुम,
जग में सब का जीवन बचाओ।
सत्य कहा आपने , लाज़बाब सृजन ,सादर नमस्कार सर
जब-जब धरा पर संकट आया,
जवाब देंहटाएंभारत ने ही विश्व बचाया,
तुम्हारी ओर ही देख रहा है जग,
धरा को करोना मुक्त बनाओ।
सही कहा ऐसी संजवनी भारत मे ही मिलेगी
बहुत ही सुन्दर सार्थक लाजवाब सृजन
वाह!!!
मैंने आपकी रचना पढ़ी बहुत ही उम्दा रचना है आपकी।
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