बुधवार, मार्च 12, 2014

जागो जंता, सोचो विचारो...



आने वाले हैं अब मतदान,
आयेगा नेताओं को तुम्हारा ध्यान,
करेंगे वोही, जो अब तक किया,
जागो जंता,  सोचो विचारो,

शिक्षित हो, न अब अंजान,
अच्छे बुरे की है तुम्हे पहचान,
कौन है दुर्योधन, धर्मराज कौन है,
जागो जंता,  सोचो विचारो,

न वादों पर विश्वास करो,
न किसी की शकति से डरो,
शक्ति है वोट की तुम्हारे पास,
जागो जंता,  सोचो विचारो,

हो भारत में स्थिर सरकार,
जन जन को मिले अपने अधिकार,
सब को भारत में  न्याय मिले,
जागो जंता,  सोचो विचारो,


2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर प्रस्तुति.
    इस पोस्ट की चर्चा, शनिवार, दिनांक :- 15/03/2014 को "हिम-दीप":चर्चा मंच:चर्चा अंक:1552 पर.

    जवाब देंहटाएं
  2. कोमल भाव लिए हुए बेहतरीन रचना,,,
    बेहतरीन प्रस्तुति....

    जवाब देंहटाएं

ये मेरे लिये सौभाग्य की बात है कि आप मेरे ब्लौग पर आये, मेरी ये रचना पढ़ी, रचना के बारे में अपनी टिप्पणी अवश्य दर्ज करें...
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