मंगलवार, अक्तूबर 01, 2013

कौन मनुज होगा बापू सा...



सुख,  महल त्याग  दिये,
निर्धन भारतीय बनकर जिये,
चरखा कातकर वस्त्र बनाते,
कौन मनुज होगा बापू सा...

 साधू सा जीवन जीया,
सब कुछ देकर कुछ न लिया,
कोई और होता तो राज करता,
कौन मनुज होगा बापू सा...

जो कहा,  वो खुद भी किया,
न केवल उपदेश दिया,
मानव पीड़ा का बोझ उठाने वाला,
कौन मनुज होगा बापू सा...

जीती अहिंसा से लड़ाई,
न बहाया खून न की तबाही,
खुद भूखे रहकर तंत्र हिलाया,
कौन मनुज होगा बापू सा...

किये केवल उत्तम कर्म,
अमन,  अहिंसा को कहा धर्म,
सत्यवादी, प्रेम पुजारी,
कौन मनुज होगा बापू सा...

सर्वधर्म का पाठ पढ़ाया,
गीता का अर्थ समझाया।
हिंद की पीड़ा समझने वाला,
कौन मनुज होगा बापू सा...

न कर सके पूरा ख्वाब तुम्हारा,
न मार्गदर्शक है कोई हमारा,
कहां गये? कब आओगे?
कौन मनुज होगा बापू सा...



5 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना की ये चन्द पंक्तियाँ.........
    सुख, महल त्याग दिये,
    निर्धन भारतीय बनकर जिये,
    चरखा कातकर वस्त्र बनाते,
    कौन मनुज होगा बापू सा...

    बुधवार 02/10/2013 को
    http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
    को आलोकित करेगी.... आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
    लिंक में आपका स्वागत है ..........धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. कोई नहीं बापू सा ......अभी तो सब भोगी है
    नवीनतम पोस्ट मिट्टी का खिलौना !
    नई पोस्ट साधू या शैतान

    जवाब देंहटाएं
  3. सही है ...
    थैंक यू बापू !!

    जवाब देंहटाएं
  4. साधू सा जीवन जीया,
    सब कुछ देकर कुछ न लिया,
    कोई और होता तो राज करता,
    कौन मनुज होगा बापू सा...

    सच लिखा है .. त्याग ओर सादा जीवन अपने जीवन में उतार कर लाखों लोगों की प्रेरणा बने बापू का शत शत नमन है ...

    जवाब देंहटाएं
  5. सच आज बापू सा मनुज कोई नहीं ...
    सबकुछ देश के लिए अर्पण किया .तभी तो वे बापू कहलाये .....
    बापू को समर्पित बहुत सुन्दर रचना
    ..बापू को नमन

    जवाब देंहटाएं

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