हम अब
नागरिक नहीं
रोबोट हैं
वोट हैं
लोकतंत्र में
हम बिकते हैं
खरीदे जाते हैं
डराए जाते हैं
रहना पड़ता है खामोश
हर चुनाव के पहले।
चुनाव के बाद
हमे होना पड़ता है
हर जीतने वाले के साथ
हारने वाला तो
अपनों को ही दोष देता है।
ऐसा भी नहीं कि
हमे कुछ नहीं मिला
कागजों के मत पत्र की जगह
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन
और हजारों एग्जिट पोल के नतीजे।
भले ही
हम बांटे जाते हैं
जाति और क्षेत्र के नाम पर
पर मतदान केंद्रों पर
हम एक हो जाते हैं।
अगर हम सब एक हैं
फिर बंटते क्यों हैं?
डरते क्यों हैं?
हमारे पास शक्ती है
दुर्योधन को चुने या युधिष्ठिर को।
नागरिक नहीं
रोबोट हैं
वोट हैं
लोकतंत्र में
हम बिकते हैं
खरीदे जाते हैं
डराए जाते हैं
रहना पड़ता है खामोश
हर चुनाव के पहले।
चुनाव के बाद
हमे होना पड़ता है
हर जीतने वाले के साथ
हारने वाला तो
अपनों को ही दोष देता है।
ऐसा भी नहीं कि
हमे कुछ नहीं मिला
कागजों के मत पत्र की जगह
इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन
और हजारों एग्जिट पोल के नतीजे।
भले ही
हम बांटे जाते हैं
जाति और क्षेत्र के नाम पर
पर मतदान केंद्रों पर
हम एक हो जाते हैं।
अगर हम सब एक हैं
फिर बंटते क्यों हैं?
डरते क्यों हैं?
हमारे पास शक्ती है
दुर्योधन को चुने या युधिष्ठिर को।
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज बृहस्पतिवार (18-02-2016) को "अस्थायीरूप से चर्चा मंच लॉक" (वैकल्पिक चर्चा मंच अंक-2) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
मित्रों।
सात वर्षों से प्रतिदिन अनवरतरूप से
ब्लॉगों की अद्यतन प्रविष्टियाँ दिखा रहे
आप सब ब्लॉगरों की पहली पसन्द "चर्चा मंच" को
किसी शरारती व्यक्ति की शिकायत पर अस्थायीरूप से
लॉक किया गया है। गूगल को अपील कर दी गयी है।
तब तक आपके लिंकों का सिलसिला यहाँ
"वैकल्पिक चर्चा मंच" पर जारी रहेगा।
--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सही कहा ....सार्थक रचना !
जवाब देंहटाएं