शुक्रवार, अगस्त 17, 2018

कोटी-कोटी नमन तुम को.....

हे जन-नायक अटल जी,
तुम्हारी शकसियत अनुपम थी।
तुम   स्तंभ बनकर खड़े रहे,
सत्य-पथ पर अड़े रहे,
भारत को विश्व-शक्ति बनाया,
पाक कोमुंह के बल गिराया।
निज संस्कृति पर  अभिमान था,
धर्म-सभ्यता पर मान था।
तुम तो  जन-जन के प्यारे थे,
मां भारती के आंख के तारे थे।
तुम नेताओं  में शास्त्री से,
कवियों में मैथली शरण थे।
तुम भारत की पहचान हो,
कोटी-कोटी नमन तुम को.....
आजाद शत्रु, सभी मित्र,
बेदाग और आदर्श चरित्र।
न रुके कहीं, न झुके कभी,
राजनीति में जिये, बनकर रवी,
ओ भारत के अनुमोल-रतन,
राम राज्य  आये, तुमने  किये यतन।
नम है नैन,   रतन चला गया,
सुना है, भाजपा का कमल चला गया।
ऐ मौत तु, इतनी मत इतरा,
वो मन से मरे, जी भर के जिया।
तु मारती है केवल, नशवर तन को,
नहीं मार सकती, अटल से जन को।
सुभाष गांधी  की तरह तुम अमर हो,
कोटी-कोटी नमन तुम को.....




16 टिप्‍पणियां:

  1. एक अटल योद्धा एक युगपुरुष थे अटल जी, नमन उन्हें!
    बहुत अच्छी प्रेरक श्रद्धांजलि

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (18-08-2018) को "उजड़ गया है नीड़" श्रद्धांजलि अटलबिहारी वाजपेई (चर्चा अंक-3067) (चर्चा अंक-2968) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेई जी को नमन और श्रद्धांजलि।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. आपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन विनम्र श्रद्धांजलि - श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी - ब्लॉग बुलेटिन परिवार में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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  4. इस महान व्यक्तित्त्व को सादर नमन व विनम्र श्रद्धांजलि !

    जवाब देंहटाएं

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