भारत को आज फिर से
श्री राम की जरूरत है,
अर्जुन धर्म संकट में है,
श्री गीता की जरूरत है।
उठ रही है फिर आवाजें
भारत को खंडित करने की,
अखंड भारत कह रहा है,
सरदार पटेल की जरूरत है,
देश की रक्षक सैना आज भी
निर्भय खड़ी है सरहदों पर,
मां भारती से कह रहे हैं,
नेता सुभाष की जरूरत है।
भारत मां की जय कहने में
लाज आती है जिन को आज,
उनको समझाने की खातिर,
विवेकानंद की जरूरत है।
बताओ उनहें सिख गुरुों ने,
कैसे-कैसे कुर्वानी की,
आजाती के शहीदों की,
कथा सुनाने की जरूरत है।
श्री राम की जरूरत है,
अर्जुन धर्म संकट में है,
श्री गीता की जरूरत है।
उठ रही है फिर आवाजें
भारत को खंडित करने की,
अखंड भारत कह रहा है,
सरदार पटेल की जरूरत है,
देश की रक्षक सैना आज भी
निर्भय खड़ी है सरहदों पर,
मां भारती से कह रहे हैं,
नेता सुभाष की जरूरत है।
भारत मां की जय कहने में
लाज आती है जिन को आज,
उनको समझाने की खातिर,
विवेकानंद की जरूरत है।
बताओ उनहें सिख गुरुों ने,
कैसे-कैसे कुर्वानी की,
आजाती के शहीदों की,
कथा सुनाने की जरूरत है।