[ भारत के नव नियुक्त प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी द्वारा चुनाव
से पहले या बाद में अपने भाषणों में भारत
मां की वंदना में कुछ शब्द कहे गये हैं, उन्हे ही कविता का रूप देने का प्रयास कर
रहा हूं]
हम रहें या न रहें,
रहेगा सदा वतन,
खिलते रहेंगे, नये फूल,
महकता रहेगा सदा ये चमन...
असंख्य हैं सुत मां के,
जो चाहत न रखते कुछ भी मां से।
करते अपना सर्वस्व अर्पण,
साक्षी है 10 दिशाएं, गग्न.........
अनेकों वीर, शहीद हुए,
कुछ वतन के लिये, ही जिये,
पटेल जैसे सपूतों ने,
दिया मां को, सुर्क्षा का वचन...
कर सकूं सेवा, मैं भी मां की,
जीवन सफल, होगा तभी,
मां मुझे केवल ये शकती दो,
कोटी कोटी, तुम्हे नमन...