मंगलवार, अप्रैल 28, 2015

मशीन बनाने का प्रयास है।

देखता हूं
बैग का भारी बोझ
उठाना भी
मुशकिल है
इन बच्चों के लिये।
सोचो फिर
इनका छोटा सा दिमाग
कैसे उठा पाएगा
इतनी सारी किताबों का बोझ
असंभव है।
अभी से
आंखों पर
दिखाई देते हैं
इतने बड़े बड़े चशमे
ये शिक्षा है
या बच्चों को
मशीन बनाने का प्रयास है।

गुरुवार, अप्रैल 16, 2015

इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाता है।

कुछ इनसान
आते हैं
ईश्वर की तरह
इस धरा पर।
कोई कहता है उन्हे
युहपुरुष
कोई धर्मात्मा
पर वो केवल
इनसान ही होते हैं।
वो जन्म भी लेते हैं
मौत भी निश्चित है उनकी
वो तन त्यागकर भी
अमर हो जाते हैं।
 उनके   तन में
वास होता है
किसी उच्च आत्मा का
उच्च कर्म होते हैं उनके।
उनका कहा हर शब्द
उपदेश कहलाता है
उनका किया हर कर्म
इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाता  है।

रविवार, अप्रैल 12, 2015

सब से सुंदर क्या है जग में।


अगर कोई
पूछे मुझसे
सब से सुंदर
क्या है जग में।
यूं तो
खुदा की रची
हर शै सुंदर है
शूल भी,  फूल भी।
करूप ईश्वर ने
कुछ भी नहीं बनाया
ये केवल हमारी
दृष्टि का भेद है।
पर मां का आंचल
सब से सुंदर
जो करता है आकर्षित
ईश्वर को भी।

बुधवार, अप्रैल 08, 2015

ये जिमगारियां न निकलती।

जिन के पास कल
रहने को घर न थे,
आज महल पाकर वो
झौंपड़ियों को जलाना चाहते हैं।

वो भूल चुके हैं
अपने वो आंसू
जो बहाए थे खुद भी
उस दिन बेघर होने पर।

न भूलते अगर
अपना बुरा वक्त वो
आज इन महलों से
ये जिमगारियां न निकलती।

शुक्रवार, अप्रैल 03, 2015

मैं ही जान सकता हूं।

एक तरफा प्रेम
घातक होता है
उसके लिये
जो प्रेम करता है।
अज्ञानी पतंगा
खुद से भी अधिक
करता है प्रेम दीपक   से
भस्म हो जाता है जलकर।
कोई उसके प्रेम को
कहता है त्याग
कोई समझता है समर्पण
ये केवल  नादानी है   उसकी।
मैंने खुद देखा है
मिटकर पतंगे की तरह
क्यों जलता है पतंगा
मैं ही जान सकता हूं।