क्यों कम हुआ है मेरा महत्व,
आज खतरे में है मेरा अस्तित्व,
मुझे कैसे तुमने कमजोर समझा,
कह रही है हमसे हिंदी...
भूल गये तुम मेरी मम्ता,
न पहचान सके मेरी क्षमता,
सुना तुमने जो औरों ने कहा
कह रही है हमसे हिंदी...
मैंने रचा तुम्हारा इतिहास,
वर्ना क्या था तुम्हारे पास,
मैं न होती तुम स्वतंत्र न होते,
कह रही है हमसे हिंदी...
राज विदेशियों का भगाया,
बाकी सब कुछ उनका अपनाया,
कैसे कहोगे तुम हिंदी हो,
कह रही है हमसे हिंदी...
असीम है मेरा शब्द भंडार,
फिर भी समझी गयी लाचार,
मोह लिया तुम्हे अंग्रेज़ी ने,
कह रही है हमसे हिंदी...
शालीनता और शुद्ध उच्चारण,
नहीं है ऐसा किसी का व्यकरण
देवनागरी सी न लिपी दूसरी,
कह रही है हमसे हिंदी...
रोता है मेरा स्वाभिमान,
कहां गया मेरा संमान,
तुम आजाद हुए मैं गुलाम बनी,
कह रही है हमसे हिंदी...
कहा किसने हिंदी दिवस मनाना,
न मेरी रूह को तड़फाना,
एक दिन क्यों ढौंग रचाना,
कह रही है हमसे हिंदी...
समझते हो तुम जिसे विज्ञान,
जन्मा है वो मुझसे ज्ञान,
है जनक सब के वेद पुर्ाण,
कह रही है हमसे हिंदी...
ठुकराया है जिसने मां को,
सदा ही पछताया है वो,
जागो अभी भी समय है,
कह रही है हमसे हिंदी...