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शनिवार, दिसंबर 06, 2014

6 दिसंबर का महत्व

 6   दिसंबर का महत्व
हिंदुओं के लिये भी
मुस्लिम के लिये भी है।
पर एक हिंदूस्तानी के लिये
इस का महत्व
 0 है।
गिराए गये मंदिर कयी
शोर भी न दिया सुनाई
सोचा क्यों खून बहाएं
 आताताई उस  बाबर की
मस्जिद गिरने की चिंगारी
आज भी  क्यों थमती नहीं।


जो भी  हुआ है  कल
भूल जाना अच्छा है उसे
न किसी की जीत है उस में
न प्राजित   हुआ है कोई
वो रक्त किसी राज नेता का नहीं
आम आदमी का था।
 
एक हिंदूस्तानी को
न वहां मंदिर चाहिये
न मस्जिद
आवश्यक्ता है अस्पताल की
या स्कूल चाहिये।

3 टिप्‍पणियां:

  1. एक हिंदूस्तानी को
    न वहां मंदिर चाहिये
    न मस्जिद
    आवश्यक्ता है अस्पताल की
    या स्कूल चाहिये।
    ..बिलकुल सही ...तेरे मेरे में ही यूँ ही समय निकल जाएगा और किसी के हाथ कुछ नहीं आएगा ...जिससे सभी का भला हो वह काम करना चाहिए ..आखिर कर्म ही पूजा है कहा भी गया है ..

    जवाब देंहटाएं
  2. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (07-12-2014) को "6 दिसंबर का महत्व..भूल जाना अच्छा है" (चर्चा-1820) पर भी होगी।
    --
    सभी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं

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