स्वागत व अभिनंदन।

मंगलवार, अप्रैल 28, 2015

मशीन बनाने का प्रयास है।

देखता हूं
बैग का भारी बोझ
उठाना भी
मुशकिल है
इन बच्चों के लिये।
सोचो फिर
इनका छोटा सा दिमाग
कैसे उठा पाएगा
इतनी सारी किताबों का बोझ
असंभव है।
अभी से
आंखों पर
दिखाई देते हैं
इतने बड़े बड़े चशमे
ये शिक्षा है
या बच्चों को
मशीन बनाने का प्रयास है।

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