स्वागत व अभिनंदन।

रविवार, अप्रैल 12, 2015

सब से सुंदर क्या है जग में।


अगर कोई
पूछे मुझसे
सब से सुंदर
क्या है जग में।
यूं तो
खुदा की रची
हर शै सुंदर है
शूल भी,  फूल भी।
करूप ईश्वर ने
कुछ भी नहीं बनाया
ये केवल हमारी
दृष्टि का भेद है।
पर मां का आंचल
सब से सुंदर
जो करता है आकर्षित
ईश्वर को भी।

1 टिप्पणी:

  1. बैसाखी और अम्बेदकर जयन्ती की हार्दिक मंगलकामनाओं के आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार (14-04-2015) को "सब से सुंदर क्या है जग में" {चर्चा - 1947} पर भी होगी!
    --
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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