स्वागत व अभिनंदन।

मंगलवार, नवंबर 18, 2014

हम कहां व्यस्त हैं?


मैं सोचता हूं कि
हमारा अधिकांश काम
आज  होता है मशीनों से
फिर भी हम
व्यस्त हो गये
मशीनों  से भी अधिक।

आज हमारे पास
किसी के लिये ही
यहां तक की खुद के लिये भी
वक्त नहीं है।

बिलकुल भी संदेह नहीं
मशीनें हम से अधिक
और अति शिघ्र काम करती है।
फिर सोचिये जरा
 हम कहां व्यस्त हैं?

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना बुधवार 19 नवम्बर 2014 को लिंक की जाएगी........... http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. हम खुद मशीन बनते जा रहे हैं ...
    बहुत सार्थक चिंतन

    जवाब देंहटाएं
  3. हम भी तो उन्ही मशीनों में खो गए हैं ... उनके अस्तित्व से ढँक गए हैं ...
    सार्थक प्रश्न ...

    जवाब देंहटाएं
  4. हम व्यस्त हैं सोच में , मशीन को और अधिक दक्ष बनाने में !
    आईना !

    जवाब देंहटाएं
  5. हम कहां व्यस्त हैं? सहीं कहाँ चिंतन का बिषय उठाया हैं आपने
    http://savanxxx.blogspot.in

    जवाब देंहटाएं

ये मेरे लिये सौभाग्य की बात है कि आप मेरे ब्लौग पर आये, मेरी ये रचना पढ़ी, रचना के बारे में अपनी टिप्पणी अवश्य दर्ज करें...
आपकी मूल्यवान टिप्पणियाँ मुझे उत्साह और सबल प्रदान करती हैं, आपके विचारों और मार्गदर्शन का सदैव स्वागत है !