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शनिवार, मई 17, 2014

जंता का है ये आदेश...





जंता ने सोच-समझ कर,
दिया है  जनादेश,
लगता है सुर्क्षित है अब,
हमारा प्यारा भारत  देश...

सब से बड़ा लोकतंत्र,
प्रसन्न दिखा वर्षो बाद,
उमीदों की नयी सुबह हुई,
जन समर्थकों  का हुआ संसद में प्रवेश...

महंगाई  अब  दूर करना,
वापिस लाना काला धन,
तुम भी भ्रष्टाचार न करना,
ये है जंता का आदेश...


5 टिप्‍पणियां:

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