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रविवार, जनवरी 26, 2014

आओ गण तंत्र दिवस मनाएं...



जलाकर लोकतंत्र की मशाल,
दिखता है भारत अब  खुशहाल,
आशा,  उमंग,  अमन का,
दे रहा  है संदेश मित्रता का।
भारत की सार्वभौमिकता
देखो कहीं मिटने न पाए,
इस शपत के साथ हम,
 आओ गण तंत्र  दिवस मनाएं...
सोच समझ कर, करो मतदान,
चुनाव ही है, लोकतंत्र के प्राण,
क्षेत्र, धर्म से ऊपर उठकर,
व्यक्ति नहीं,  देखो चरित्र,
निज स्वार्थ नहीं, देश को देखो,
जागो  स्वयम्, औरों को जगाएं,
इस शपत के साथ हम,
 आओ गण तंत्र  दिवस मनाएं...
मिटेगा जब भ्रष्टाचार,
न होगा कोई बेरोजगार,
न लेना, न देना रिशवत,
 अडीग  रहना, डरना मत,
कर न देना पड़ेगा किसी को,
अगर काला धन वापिस आ जाए,
इस शपत के साथ हम,
 आओ गण तंत्र  दिवस मनाएं...
हो भारत सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न,
प्रशस्त  हो प्रगति का पथ,
न्याय मिले, हर प्रकार की  हो स्वतंत्रता,
हो सब के लिये,   प्रतिष्ठा और अवसर की समता
खंडित न हो, राष्ट्र की एकता
लोकतंत्र को मजबूत बनाए,
इस शपत के साथ हम,
 आओ गण तंत्र  दिवस मनाएं...


7 टिप्‍पणियां:

  1. सुंदर रचना !
    ६५वें गणतन्त्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं !

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  2. अच्छा आह्वान है ... अच्छी रचना ...

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर देशभक्ति जगाती प्रेरक रचना ..

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर रचना. हार्दिक बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  5. आओ गण तंत्र दिवस मनाएं...
    सोच समझ कर, करो मतदान,
    चुनाव ही है, लोकतंत्र के प्राण,

    सार्थक संकल्प विमर्श परामर्श सुन्दर रचना। आभार हमें हलचल में लाने के लिए।

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