जो बच्चे,
मां के साथ हैं,
पापा को ढूंढ़ते हैं,
जिन के पास, केवल पापा हैं,
वो तरसते हैं,
मां की ममता को...
बच्चों को
आवश्यक्ता होती है,
दोनों के प्रेम की,
दोनों में से,
एक का न होना,
बच्चे का सबसे बड़ा दुर्भाग्य होता है...
जो माता-पिता,
तलाक के लिये,
कतार में खड़ें है,
वे अपने बच्चों की,
जीवन की सबसे बड़ी,
आवश्यक्ता छीन रहे हैं...
नहीं त्याग सकते,
दोनों अपने अहम को,
अहम बच्चों से बड़ा है क्या?
विवाह फेरों को समझो,
आपस में विश्वास रखो,
फिर क्यों होगा तलाक...
मां के साथ हैं,
पापा को ढूंढ़ते हैं,
जिन के पास, केवल पापा हैं,
वो तरसते हैं,
मां की ममता को...
बच्चों को
आवश्यक्ता होती है,
दोनों के प्रेम की,
दोनों में से,
एक का न होना,
बच्चे का सबसे बड़ा दुर्भाग्य होता है...
जो माता-पिता,
तलाक के लिये,
कतार में खड़ें है,
वे अपने बच्चों की,
जीवन की सबसे बड़ी,
आवश्यक्ता छीन रहे हैं...
नहीं त्याग सकते,
दोनों अपने अहम को,
अहम बच्चों से बड़ा है क्या?
विवाह फेरों को समझो,
आपस में विश्वास रखो,
फिर क्यों होगा तलाक...
बस आजकल आपसी सह्मारती की कमी होती जा रही अहि समाज में ... अहम् आगे आ रहा है ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही उम्दा ..... बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति .... Thanks for sharing this!! :) :)
जवाब देंहटाएंसच्ची अनुभूति बच्चे के सरल हृदय की जब बच्चे के पास केवल माँ रह जाऐ या केवल पिता तो बच्चा किसी एक के प्यार के लिए तरसता रह जाता है सादर प्रणाम आपकी अभिव्यक्ति के लिए । वैसे सर जी आपके पांच लिंकों का आनंद तो खुल ही नही पा रहा है सर वहाँ तो ऐरर आ रहा है Your connection is not private देखिये मैं तो जा नही पा रहा हूँ।नमस्कार
जवाब देंहटाएंसही कहा है ।
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