स्वागत व अभिनंदन।

गुरुवार, दिसंबर 31, 2015

नव वर्ष का अभिनन्दन है...

कहता है कलैंडर
आगे बढ़ो
रुको नहीं,
पर भागो नहीं,
अपनी गति में चलो।
बदलता है
सब कुछ ही।
हर पुराने के बाद
एक नये का उदय
क्रम चलता है यही...

कहता है पुराना वर्ष
पहुंच चुके हो जहां,
उससे आगे चलना,
रुकना नहीं
न भय लाना मन में।
जो भूल हुई,
 न दौहराना उसे,
जो न पा सके,
अब पाना उसे
इस नव वर्ष में...
लाया है नव वर्ष,
सब के लिये
नया उत्साह
 नयी उमंगे
नये सपने।
जब उदय होगा
नव वर्ष का सूरज,
जल उठेंगे
नव आशाओं के दीप
नव वर्ष का अभिनन्दन है...

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (01.01.2016) को " मंगलमय नववर्ष" (चर्चा -2208) पर लिंक की गयी है कृपया पधारे। वहाँ आपका स्वागत है, नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें, धन्यबाद।

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  2. आपकी लिखी रचना नूतन वर्षाभिनन्दन अंक "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 01 जनवरी 2016 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!

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  3. नव वर्ष के लिए बहुत सुन्दर नेक मंगलकामनाएं ..
    आपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

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  4. आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

    जवाब देंहटाएं

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