स्वागत व अभिनंदन।

गुरुवार, जून 25, 2015

किसी वृक्ष को काटने से पहले

किसी वृक्ष को
 काटने से पहले
एक पल के लिये ही सही
अवश्य सोचना.

इस वृक्ष पर
घर है पंछियों का
जो उजड़ जाएगा।

एक के बाद एक
आते हैं थककर पथिक
पाते हैं शीतलता
अब कहां बैठेंगे?

तेज धूप में तुमने भी
थक कर कभी
इस की छाया में
वक्त तो बिताया होगा।


आज ये वृक्ष
 बेबस खड़ा है
देखकर कुलाहड़ी में
अपना अंश

हो सकता है
तुम्हारे  अच्छे वक्त के बाद
ये वृक्ष ही
तुम्हारे काम आये।